दही खाने के 20 फायदे – Dahi Khane Ke Fayde

दही को भारत में एक अमृत के रूप में माना जाता है दही खाने के बहुत से फायदे हैं जो आज हम जानने वाले हैं दूध से भी कई ज्यादा फायदेमंद है दूध से ही निकलने वाला दही और यह शरीर को पोषण देने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी हमें बचाता है तो आइए जानते हैं Dahi Khane Ke Fayde क्या है!

Dahi Khane Ke Fayde -:

खुश्की (Dryness) : दही में शक्कर मिला कर खाने से शरीर की खुश्की दूर होतीहै।

पित्त और धूप से होनी वाली शिथिलता : गर्मी के मौसम की बेचैनी दूर करने के लिए दही की लस्सी में सेंधा नमक और भुना हुआ जीरा मिला कर पीयें। इससे ताजगी और स्फरति आयेगी।

धब्बे, मुँहासे : जब त्वचा रूखी काली हो जाए, जगह-जगह दाग, धब्बे पड़ जायें, मुँहासों से चेहरा कुरूप हो जाये तो चेहरे और शरीर पर उबटन की तरह दही से मालिश करें फिर पाँच मिनट बाद स्नान करें।

दही का खट्टापन : दही खट्टा हो जाये तो उसे कपड़े से बाँध कर लटका दें। पानी टपक कर खट्टापन दूर हो जायेगा।

आँतों की सूजन दूर करने के लिए दही का अधिकाधिक सेवन दिन में कई बार करें। रोटी कम-से-कम खायें। जब भूख लगे दही खायें ।

पेचिश : दो चम्मच ईसबगोल की भूसी दही में मिला कर नित्य तीन बार खायें । पहली खुराक सवेरे भूखे पेट खायें।

पेचिश होने पर दही खाना लाभदायक है।

जो लोग नियमित रूप से दही का सेवन करते हैं उन्हें कई तरह के रोग नहीं होते। दही खाने से न तो हृदय-रोग दबोचने का साहस करता है और न तनाव सम्बन्धी रोग ही नजदीक आ पाते हैं।

दही खाने की विधि : दही खाने का सर्वश्रेष्ठ और लाभदायक तरीका यह है कि ताजा और मधुर स्वाद के दही में शक्कर और थोड़ा-सा पानी मिलाकर प्रात:कालीन भोजन के साथ प्रयोग किया जाए। दही में थोड़ा-सा जल अवश्य मिलाना चाहिए ताकि दही विकार मुक्त हो जाए।

दही दूध से ज्यादा गुणकारी है। दही में दूध से 18 गुणा केल्शियम (चूना) अधिक पाया जाता है। जिन्हें दूध नहीं पचता, दही उनको भी पच जाता है। दही खाने के बाद ही 80% शक्ति में बदल जाता है।

Dahi Khane Ke Fayde

हृदय रोग, उच्चरक्त चाप : हृदय तेज धड़कता हो, डूब-डूब जाता हो, उच्च रक्तचाप रहता हो, नित्य दही की लस्सी का एक गिलास पीयें। लाभ होगा ।

कैन्सर निरोधक : नित्य दही खाने से कैन्सर नहीं होता ।

पथरी : दही की लस्सी पीने से पथरी निकल जाती है ।

बाल : दही से सिर धोने से बाल मुलायम और सुन्दर होते हैं ।

फरास : फरास सिर में सफेद भूसे जैसे तिनके भरना, जिसमें प्रायः खुजली होती है, कंघा करते समय भूसा नीचे गिरता है। बाल सूखे-सूखे लगते हैं। फरास धीरे-धीरे फैलती-फैलती सारे शरीर को प्रभावित कर सकती है।

तीन भाग दही और एक भाग शक्कर मिलायें। दही और शक्कर मिलने से ऐसा रसायन बनता है जो फ्रांस को दूर कर देता है। इसे सिर पर बालों की जड़ तक लेप करें। बीस मिनट बाद बालों को धोयें। इससे फरास ठीक हो जाती है।

आँखों में जलन : पलकों पर दही की मलाई या मक्खन मलें इससे आँखों की जलन ठीक होगी।

मर्दाना शक्तिवर्धक : ताजा मीठा दही नित्य खाते रहें। बुढ़ापे तक मर्दाना शक्ति बनी रहेगी। उपदंश या आतशक भी ठीक हो जायेगा।

खुजली :बदन पर दही की मालिश करके नहायें। खुजली, खुश्की, हाथ पेरों पर खुरदरापन सब ठीक हो जायेंगे। दही की लस्सी भी पीयें। यह गर्मी के मौसम में लाभदायक है।

रक्तक्षीणता : दही की लस्सी नित्य पीते रहने से दुर्बलता दूर होती है। विचार सात्विक होते हैं । शरीर यौवन से परिपूर्ण रहता है। मस्तिष्क में चिड़चिड़ापन, क्रोध नहीं आता । मानसिक शान्ति रहती है। बेचैनी नहीं रहती। 

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