बचपन से ही सभी बच्चों को यही कहा जाता है कि बेटा दूध पी लो और दूध पिलाने के लिए चाहे आपके माता हो या घर का कोई भी सदस्य हो, सभी बच्चे को दूध पिलाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं. क्योंकि दूध है ही ऐसा गुणकारी आहार, तो आज के इस लेख में जानने वाले हैं दूध पीने के 50 फायदे क्या क्या है?
Dudh Peene Ke 50 Fayde -:
लड़का होगा या लड़की : गर्भवती के दूध की कुछ बूँद चेहरा देखने के काँच पर डालें। फिर उसमें जूँ डुबो दें। यदि जूँ दूध में से जीवित निकल कर बाहर आ जाये तो लड़की होगी अन्यथा लड़का होगा।
आधे सिर का दर्द जो सूर्य के साथ घटता, बढ़ता हो, 250 ग्राम दूध में स्वाद के अनुसार चीनी डाल कर उबालें। फिर दो चम्मच देशी घी डाल कर सूर्योदय से पहले पीयें। कुछ दिन प्रयोग करने से आधे सिर का दर्द ठीक हो जायेगा । अन्य प्रकार के आधे सिर के दर्द में भी इसे काम में ले सकते हैं।
दमा : 250 ग्राम दूध, 250 ग्राम पानी, 12 मुनक्का बीज निकाल पर पीस कर सबको मिला कर उबालें । जब उबालते-उबालते आधा पानी रह जाये तब इसमें पिसी हुई दस काली मिर्च, एक चम्मच मिश्री मिलाकर गरमा-गरम नित्य एक बार पिलायें । दमा में यह बहुत लाभकारी है।
पौष्टिक : दूध जितना पौष्टिक है, दूध से बनी मिठाइयाँ उतनी पौष्टिक नहीं होतीं । बकरी का दूध, गाय, भैंस के दूध से अच्छा होता है। यह पश्चिमी जर्मनी के वैज्ञानिकों ने शोध के बाद बताया है।
शक्तिवर्धक : एक गिलास दूध में एक चम्मच देशी घी तथा तीन चम्मच शहद मिला कर नित्य पीया करें । बुढ़ापा शीघ्र नहीं आयेगा। बल, वीर्य और सौन्दर्य में वृद्धि होती रहेगी।
मोटापा : एक गिलास दूध में 15 मुनक्का बीज निकाल कर डाल दें। फिर उबाल कर पीने जैसा ठंडा होने पर एक चम्मच देशी घी और तीन चम्मच शहद डाल कर पीयें। इससे शरीर का वजन बढ़ेगा।
बाल काले करना : दो किलो दूध उबाल कर उसमें सौ ग्राम नील मिला कर दही जमायें। उसे बिलो कर घी निकाल कर लोहे के अमामदस्ते में लोहे की मुसली से इतना रगड़ें कि सारा काला हो जाये । इस घी को बालों पर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
मूत्रकृच्छ (Dysuria) : एक गिलास दूध में एक बूंद चन्दन का तेल डाल कर पीने से मूत्रकृच्छ ठीक हो जाता है।
मूत्र में रुकावट होने पर गर्म दूध में गुड़ डाल कर पीयें।
सिर दर्द : दूध 500 ग्राम में साफ पानी से धुली हुई 50 ग्राम इमली डाल कर एक घण्टा भीगने दें, फिर उस दूध को उबालें । जब दूध फट जाये तो छान कर पानी निकाल लें। इस पानी में पिसी हुई मिश्री स्वाद के अनुसार मिला लें और पियें । इस प्रकार एक सप्ताह नित्य करें। हर प्रकार के सिर दर्द में इससे लाभ होता है ।
बुढ़ापा : बाल सफेद होना और दाँत गिरने लगना, घुटनों में शक्ति कम होना, त्वचा में झुर्रियाँ पड़ना, आँखों में ज्योति कम होना, कानों से कम सुनाई देना बुढ़ापे के चिन्ह हैं । दूध पीते रहने से आयु बढ़ती है।
बुढ़ापा अपना प्रभाव नहीं जमा पाता। जो अनाज हम खाते हैं, उसका तीस प्रतिशत प्रोटीन ही पच कर शरीर के काम आता है लेकिन यदि भोजन के साथ दूध लिया जाये तो इससे दुगनी मात्रा में प्रोटीन शरीर में पच कर शक्ति देता है।
अपच : गरिष्ठ भोजन, जैसे-मिठाइयाँ, जीमन, पूरी आदि खाने से पेट खराब हो जाता है। अपच हो जाती है। एक गिलास दूध, आधा गिलास पानी, स्वादानुसार चीनी मिला कर सबको उबालें।
अच्छी तरह उबलने के बाद गर्म-गर्म धीरे-धीरे पियें। चार घंटे बाद एक बार पुनः इसी प्रकार दूध बना कर पीयें। खाना नहीं खायें। प्यास लगने पर गर्म पानी पीयें। गरिष्ठ भोजन से उत्पन्न सारी अपच ठीक हो जायेगी।
दूध कैसे पीयें : दूध के झाग बहुत लाभदायक होते हैं। इसलिए जब भी दूध पीयें खूब उलट-पुलट करके बिलो करके झाग पैदा करके दूध पीयें। झागों का स्वाद लेकर चूसें। जितने ही ज्यादा झाग दूध में होंगे, वह दूध उतना ही लाभदायक होगा।
अनिद्रा : भैंस का दूध निद्रा लाता है। अतः सोते समय भैंस का दूध पीयें ।
गैस: एक गिलास दूध में चार ग्राम पिसी हुई दाल चीनी मिला कर उबालें । फिर उलट-पुलट कर फेंट कर दो चम्मच शहद मिला कर पीयें। इस प्रकार दूध पीने से गैस नहीं बनती। यह दूध भी गैस नहीं बनायेगा।
अण्डकोष प्रदाह : अण्डकोष में फुलाव, सूजन, दर्द किसी भी कारण से हो । दूध में एरण्ड की अण्डोली की गिरी बहुत बारीक पीस कर नित्य लेप करें। अण्डकोष ठीक हो जायेगा।
नेत्रों में जलन : रात को सोते समय आँखों की पलकों पर दूध की मलाई रख कर सोयें। जलन मिट जायेगी। एक गिलास ठंडे पानी में चौथाई कप दूध डाल कर आँखों पर छींटे मारें। जलन दूर हो जायेगी । गर्मी से आँखों में सूजन हो तो वह भी ठीक हो जायेगी ।
नेत्रों में सूजन : यकृत खराब होने पर नेत्रों में सूजन आ जाती है। आधा गिलास दूध में एक गिलास पानी, चौथाई चम्मच पीसी हुई सौंठ डाल कर इतना उबालें कि पानी जल जाये और दूध रह जाये। इसमें स्वादानुसार शहद मिला कर घूँट-घूँट पीयें।
जलना : जलने पर घी लगायें तथा एक गिलास दूध में एक चम्मच घी डाल कर रोजाना पीयें।
विवर प्रदाह (Sinusitis) : जुकाम में विवर प्रदाह (आधे सिर में दर्द) हो तो दूध में काढ़ा बना कर पीयें। एक गिलास दूध, एक गिलास पानी, तीन पीपल, चार लौंग, दाल चीनी के छोटे-छोटे आठ टुकड़े सब मिला कर उबालें । पानी जल जाने पर दूध छान लें।
पीने लायक गर्म रहने पर मीठे के स्वादानुसार तीन चम्मच शहद मिला कर पीयें। चद्दर ओढ़ कर सो जायें। इस प्रकार दूध का काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार पीयें। जुकाम से उत्पन्न आधे सिर का दर्द ठीक हो जायेगा।
चेहरे पर अनावश्यक बाल : औरतों के चेहरे पर भी बाल उग आते हैं, जिनसे उन्हें शर्म आती है। पाँच-पाँच चम्मच बिना छिलके वाली चने और मसूर की दाल तथा एक चम्मच पिसी हुई हल्दी डाल कर दूध में भिगो दें। प्रातः इस दाल को पीस कर नित्य चेहरे पर मलें। कुछ दिनों में चेहरे के बाल उड़ जायेंगे।
मर्दाना शक्ति: बढ़ाने के लिए गर्म दूध में एक चम्मच घी मिला कर नित्य सोते समय पीयें। इससे उन्माद में भी लाभ होता है।
श्वाँस में घरघराहट: होने पर एक कप दूध, दो कप पानी, एक चम्मच पिसी हुई सोंठ, बीस पीसी हुई काली मिर्च डाल कर उबालें। उबालते-उबालते आधा भाग रहने पर ठंडा होने दें। हल्का-सा गर्म रहने पर इसमें दो चम्मच शहद मिला कर सुबह, शाम दो बार नित्य पीयें। श्वाँस की घरघराहट दूर हो जायेगी।
कूकर खाँसी : एक कप दूध, एक कप पानी मिला कर उबालें। आधी मात्रा में रहने पर इसमें आधा चम्मच घी मिला कर पिला दें। इस प्रकार तीन बार रोजाना दो सप्ताह तक पिलायें । कूकर खाँसी ठीक हो जायेगी। स्वाद के लिए इलायची आदि कोई भी चीज मिला सकते हैं।

यदि रक्त विकार हो तो कच्चे दूध की लस्सी नित्य पीयें।
फरास, बाल गिरते हों, गंज आ गई हो तो पोस्त के दाने (खस-खस) छ: चम्मच, दूध में भिगो कर पीस कर सिर पर लेप करें। आधे घंटे बाद सिर धोयें।
गैस : पोदीना और लहसुन की चटनी (बिना नमक व मसाले की) खाकर दूध पीयें । गैस बाहर निकलने लगेगी।
बाँझपन : पति, पली नित्य दूध पीयें और ब्रह्मचर्य से रहें । गर्भाधान की अवधि में ही सम्पर्क करें। इस तरह की दिनचर्या बाँझपन दूर करने में लाभदायक है। दूध बछड़े वली गाय का अधिक उपयोगी है।
दस्त गर्मी के : गर्म दूध में नीबू निचोड़ कर तुरंत पी जायें । गर्मी के दस्त, पेचिश, ऑव ठीक हो जायेंगे।
मुख सौन्दर्य : सूखी त्वचा पर दूध की मलाई में जहाँ झुर्रियाँ पड़ गई हों गर्म दूध की मालिश करें। सारे शरीर की मालिश भी दूध से करना लाभदायक है। दूध में नीबू निचोड़ कर, फाड़कर, जमे हुए दूध के टुकड़ों से मालिश करने से रूप, रंग निखर जाता है। चेहरे के दाग-धब्बे मिटाने के लिए दूध से चेहरे की मालिश 10 मिनट करें।
यक्ष्मा : सात कली लहसुन की पीस कर दो चम्मच शहद में मिला कर चाटें । इसके एक घण्टे बाद एक गिलास दूध, एक गिलास पानी चार चम्मच पिसी हुई मिश्री, आठ पीपल (पंसारी के मिलती है), सब मिला कर उबालें।
आधा भाग रहने पर उतार कर एक चम्मच घी. तीन चम्मच शहद सब मिला कर पाँच मिनट तक उलट-पुलट कर फेटते रहे। इसके बाद इस दूध को पीयें। यक्ष्मा रोग में बहुत लाभ होगा।
पित्ती : कच्चे दूध की लस्सी पीने से रक्त की गर्मी निकल जाती है और पित्ती में आराम आ जाता है।
पेशाब अधिक आना : गाजर का रस और दूध समान मात्रा में मिला कर पीने से पेशाब खुल कर अधिक आता है।
शक्तिवर्धक : एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी, तीन चम्मच शहद मिला कर नित्य रात को दो माह तक पीयें। शरीर बलिष्ठ हो जायेगा । इससे बुढ़ापा भी दूर होगा।
मलेरिया : एक गिलास दूध में आठ मुनक्का, आधा चम्मच सोंठ डाल कर उबाल कर नित्य सुबह-शाम पीयें। मलेरिया ठीक हो जायेगा।
मुँहासे : चार चम्मच बेसन दूध में गूँध कर एक नीबू निचोड़ कर चेहरे पर नित्य एक महीने मलें। चेहरा साफ हो जायेगा।
शुक्रवर्धक : दो छुहारे नित्य दूध में उबाल कर खायें व दूध पीयें शुक्रों की संख्या बढ़ेगी।
उलटी : उबाले हुए गर्म दूध में स्वादानुसार मीठा मिलाकर बर्फ डाल कर ठंडा करके पिलाने से उलटियाँ होना बन्द हो जाता है।
पश्चरी : आधा कप दूध एक गिलास में डालें। इसमें खारा सोडा (सोडे की बोतल जो पीने के काम आती है) मिला कर तीन बार रोजाना पीयें। छोटी-छोटी पथरियाँ निकल जायेंगी।
बवासीर रक्तस्त्रावी (Bleeding Piles) : रात को सोते समय गुदा में दूध की मलाई मलें, अच्छी तरह नित्य लगायें बवासीर से रक्त गिरना बन्द हो जायेगा।
गैस : जवाखार (यवकक्षार) और सोंठ समान मात्रा में पीस कर एक चम्मच पानी से फंकी लें। यह स्वादिष्ट चूर्ण है।
सौन्दर्यवर्धक : बतासे पीस कर रख लें। आधा चम्मच इस पाउडर में जरा-सा दूध मिला कर गूंध लें। गाढ़ा-गाढ़ा चेहरे पर लगायें।इससे चेहरे के दाग, घब्बे, चकते, चेचक और मुँहासों के निशान मिट जाते हैं।