भारतीय भोजन में मसालों का एक अलग ही हिस्सेदारी देखा गया है। भारत में लगभग हर एक राज्य में मसालों का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय लोगों को मसालेदार और चटपटा खाना काफी पसंद है इसलिए भारत के प्राचीन इतिहास मैं भी मसालों का जिक्र मिलता है। (Masala Name in Hindi)
पुराने जमाने में भी भारत मसालों का एक मुख्य उत्पादक के रूप में जाना जाता था और कई बाहरी व्यवसाई भारत से मसाले खरीद कर यूरोप जैसे देशों में बेचा करते थे हालांकि यह तो बहुत पुरानी बात है लेकिन आज के जमाने में भी यह सिलसिला जारी है।
दुनिया के लगभग सभी पढ़े लिखे लोगों को यह पता होगा पूरी दुनिया के 75% मसाले भारत से ही आते हैं। जैसे कि हल्दी, जीरा, सूखी लाल मिर्च, धनिया, सौंफ, अदरक इन कई मसालों के उत्पादन में भारत नंबर 1 है। इन सभी मसालों का उत्पादन सबसे ज्यादा भारत में ही होता है।
2019 में भारत ने 91 लाख टन से भी ज्यादा मसालों का उत्पादन हुआ राजस्थान भारत का सबसे ज्यादा मसाला उत्पादन करने वाला राज्य है। जहां तकरीबन भारत के 10% मसालों का उत्पादन होता है। आइए जानते हैं भारत के 10 सबसे ज्यादा मसाला उत्पादन कारी राज्य कौन से हैं।
भारत के सबसे ज्यादा मसाला उत्पादक राज्य – Top 10 Spice Producing States in India – Masala Name in Hindi
1. राजस्थान
2. गुजरात
3. आंध्र प्रदेश
4. तेलंगाना
5. कर्नाटका
6. पश्चिम बंगाल
7. उड़ीसा
8. उत्तर प्रदेश
9. महाराष्ट्र
10. तमिल नाडु
Red Chilies – लाल मिर्च (Lal Mirch)
लाल मिर्च के निर्धारित सेवन से सांस संबंधित बीमारियों मैं काफी राहत मिलता है साथी यह भूख बढ़ाने में भी सहायक है। अगर दाद, खुजली हो तो इस के दाने निकाल कर पीस लें और हींग के साथ मिलाकर उस जगह पर लगाएं इससे काफी राहत मिलता है। (Masala Name in Hindi)
Cumin Seeds – जीरा (Jeera) – (Masala Name in Hindi)
यह मसाला कोई औषधि से कम नहीं इससे डायबिटीज खून की कमी पाचन क्रिया ब्लड कोलेस्ट्रॉल और कब्ज जैसे रोगों से लड़ने में आपके शरीर को काफी मदद करता है और इसका इस्तेमाल भारतीय हर खाने में रोजाना किया जाता है।
Asafetida – हींग (Hing)
अपच हो जाने पर, सांस संबंधी समस्याओं में, मर्दाना ताकत बढ़ाने में, और दर्द निवारक के तौर पर इनका इस्तेमाल किया जाता है। अगर दांतों का दर्द हो तो कुछ बूंद नींबू के रस के साथ इनको मिलाकर दांतों पर रखने साथ साथ दर्द दूर हो जाता है।
Basil Seeds – तुलसी बीज (Tulsi Beej)
भारतीय और भारत के सांस्कृतिक ग्रंथों में तुलसी को एक अत्यंत लाभकारी जड़ी-बूटी के रूप में माना गया है। पाचन शक्ति बढ़ाने में, ब्लड प्रेशर कम करने, खांसी जुखाम कम करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में और इसके अलावा वजन घटाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
Basil Leaves – तुलसी के पत्ते (Tulsi Patta)
गला खराब हो या फिर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ना इन सभी छोटी से बड़ी बीमारियों में काफी लाभकारी होता है तुलसी का पत्ता जिनकी आंखों की रोशनी कम है उनको भी तुलसी के पत्ते का रस रोजाना सेवन करना चाहिए इससे आंखों के साथ-साथ शरीर के कई बीमारियों से निजात मिलता है।
Bay Leaf – तेजपत्ता (Tej patta)
भारतीय पकवानों में तेजपत्ता का ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है। यह भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए जरूरी खनिज जैसे कि कॉपर, पोटैशियम, कैल्शियम, सोले नियम और आयरन पाया जाता है। यह भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ एक बेहद फायदेमंद मसाला माना जाता है।
Black Cardamom – काली इलायची/बड़ी इलायची (Badi Elaichi/Kali Elaichi)
प्राचीन आयुर्वेद के अनुसार बड़ी इलायची में औषधीय गुण मौजूद होते हैं अनिद्रा,भोजन में रुचि बढ़ाने, एवं लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में इस मसाले का कोई तोड़ नहीं। इसके अलावा भूख बढ़ाने में भोजन को पचाने में एवं मुंह के बदबू को दूर करने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
Black Sesame Seeds – काला तिल का बीज (Kala Teel Beej)
सफेद काला और लाल रंग के तीन प्रकार के तिल होते हैं आयुर्वेद के अनुसार इनमें से सर्वश्रेष्ठ काले तिल को माना जाता है। शारीरिक ताकत बढ़ाए, बाल संबंधित समस्याओं में फायदा करें, रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाए, बाबासीर जैसे समस्या कम करें, दांत मजबूत करें, घुटने का दर्द दूर करें और भी बहुत सारे गुण इसमें मौजूद है।
Caraway Seeds/Black Cumin – काला जीरा (Kala Jeera)
काले जीरे में उपलब्ध एंटीऑक्सीडेंट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से आपको बचाए रखता है। इसके अलावा डायबिटीज, वजन घटाने में, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में, कोलेस्ट्रोल कम करने में मुख्य भूमिका निभाता है और हम लोग इसे रोज मसाले के तौर पर भोजन के साथ खाते हैं।
Green Cardamom – हरा/छोटा इलायची (Choti Elaichi)
सर्दी जुखाम गला खराब होने पर बेहद लाभकारी है इलायची इसके अलावा ब्लड प्रेशर कम करने में, भूख बढ़ाने में, मुंह का दुर्गंध दूर करने में, नपुंसकता दूर करने में, तनाव से मुक्ति दिलाने में, दिल संबंधित बीमारियों में और दांत संबंधित दर्द से निजात दिलाने में एक औषधि के रूप में काम करता है।
Carom Seeds – अजवाइन (Ajwain)
छोटे-छोटे अजवाइन के बीजों में बहुत ही गुणकारी तत्व पाए जाते हैं खाना खाने के बाद नियमित रूप से इसके सेवन द्वारा पेट संबंधित बीमारियां, अपचन, सर्दी जुखाम खांसी से राहत मिलता है और गठिया जैसी लाइलाज बीमारी के अशुद्धियों रूप से काम में आता है।
Oregano – अजवाइन के पत्ते (Ajwain Ka Patta)
शुगर, डायबिटीज, एनीमिया, पेट दर्द, अपचन जैसी समस्याओं में अजवाइन के पत्तों को नियमित रूप से पीसकर चाय के रूप में इसका सेवन करें तो इन सब समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
Thyme – अजवाइन के फूल (Ajwain K Fool)
एंटीफंगल क्षमता, एंटी ऑक्सीडेंट क्षमता, हमारे दिल के लिए लाभकारी, रक्त संचालन में सुधार करें, आंखों का देखभाल करें, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए, सांस संबंधी समस्याएं का समाधान और तनाव दूर करें! इतने सारे गुणों से भरपूर हैं अजवाइन के फूल।
Cinnamon Sticks – दालचीनी (Dalchini)
दालचीनी अद्भुत औषधीय गुणों से परिपूर्ण है सर्दी जुखाम, जोड़ों के दर्द, पाचन, दांतो का स्वास्थ्य या मुहासे इन सभी समस्याओं मैं लाभकारी भूमिका आधा करता है दालचीनी।
Nutmeg – जायफल (Jaifal)
आंखों की रोशनी बढ़ाने में या फटी एड़िया को ठीक करने में जायफल का इस्तेमाल प्राचीन समय से किया जा रहा है। इसके अलावा आंखों के नीचे से काले धब्बे हटाए अनिद्रा को दूर भगाएं, दांतो को मजबूत करें, पेट दर्द से छुटकारा दिलाए, सिर दर्द से भी निजात दिलाता है जायफल। इसके अलावा ढेरों और खूबियां है इस छोटे से मसाले में।
Mace – जावित्री (javitri)
त्वचा को निखारने में और किडनी को सुरक्षा प्रदान करने में जावित्री एक औषधि के रूप में काम करता है। इसके अलावा मुंह की दुर्गंध को दूर करने में, दांतो के लिए, अनिद्रा से ग्रसित रोगियों के लिए और डायबिटीज के रोगियों के लिए एक रामबाण औषधि है।
Cloves – लौंग (Long)
लौंग के सेवन से रक्त शुद्ध होने के साथ-साथ शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता भी वृद्धि होता है। इसके अलावा लौंग का इस्तेमाल मलेरिया, हैजा जैसे रोगों से निजात पाने के लिए दवाइयों के तौर पर लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता है। मधुमेह रोग यानी डायबिटीज में लौंग के इस्तेमाल से ग्लूकोज का स्तर कम होता है।
Coriander Powder – धनिया पाउडर (Dhaniya Powder)
शीघ्रपतन या सपना दोष से छुटकारा, चोट के दर्द को दूर करें, जल्द थकावट से छुटकारा, मसूड़ों से रक्त गिरना बंद करें, पिंपल्स दूर करें, सिरदर्द में राहत पहुंचाएं, भूख ना लगना, खाना ना पचना इन सभी समस्याओं में गुणकारी औषधि के रूप में काम करता है धनिया पाउडर।
Curry Leaves – करी पत्ते (Curry Patta)
मधुमेह के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद, एनीमिया के खतरे को कम करने में अत्यंत सहायक, वजन को नियंत्रित रखने में मददगार, खराब कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में मददगार, त्वचा से जुड़ी समस्याओं में अत्यंत फायदेमंद है करी का पत्ता।
Fenugreek Seeds – मेथी बीज (Methi Beej)
हाई बीपी, डायबिटीज, अपचन, कब्ज, शुगर जैसे रोगों में मेथी अत्यंत लाभकारी साबित होता है। इसके अलावा प्रतिदिन एक चम्मच मेथी दाना पाउडर पानी के साथ ले इससे डायबिटीज से आप की दूरी बरकरार रहेगी।
Dry Fenugreek Leaves – कसूरी मेथी (Kasuri Methi)
Dry Ginger – सोंठ – (Sonth)
गैस,अपचन, पेट फूलना इन प्रकार की समस्याओं में सूट एक असरदार औषधि के रूप में माना जाता है। पानी में एक चम्मच सोंठ का पाउडर मिलाकर तेज आंच पर उबालने पानी गुनगुना होने पर इसे दिन में एक बार भी है आपको कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। कब्ज के मरीजों के लिए रामबाण औषधि माना जाता है सोंठ को।
Dry Mango Powder – आमचूर पाउडर/खटाई (Aam Paudar)
आमचूर दिल से लेकर आंखों तक के लिए बेहद फायदेमंद है यह हमारे शरीर के पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने में सक्षम है। जो व्यक्ति मोटापा कम करना चाहते हैं उनके लिए यह अत्यंत लाभकारी है क्योंकि इसमें विटामिन सी की अधिक मात्रा पाया जाता है। इन सबके अलावा आंखों के लिए, दाग धब्बे मुहांसों के लिए, डायबिटीज पेशेंट के लिए और शुगर के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है।
Dry Pomegranate Seeds – अनारदाना बीज (Aanar Dana Beej)
अनारदाना शरीर को होने वाली संक्रमण से बचाए रखने में मदद करता है।इसमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम एवं आयरन की मात्रा पाया जाता है इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन ए, और विटामिन ई, की अतिरिक्त मात्रा पाई जाती है।
Fennel Seeds – सौंफ (Saunf)
बादाम मिश्री और सोच को पीसकर रोज रात को इसके सेवन द्वारा आप अपनी स्वर्ण शक्ति बढ़ा सकते हैं। अगर आप सुबह सुबह खाली पेट शॉप खाते हैं तो यह आपके रक्त को साफ करता है और त्वचा में चमक प्रदान करता है। और जिनके मुंह से काफी दुर्गंध आता है उन्हें दिन में एक चम्मच करके तीन बार सूट चबा चबा कर जरूर खाना चाहिए।
Flax Seeds – अलसी का बीज (Alsi k Beej)
भारतीय आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार अलसी के बीज का इस्तेमाल भोजन के साथ प्राचीन काल से किया जाता है। इसमें प्रोटीन विटामिन b1, तांबा, अमीनो एसिड-3, मैग्नीज समेत कई माइक्रो न्यू ट्रेंस की मात्रा होती है। जो लोग अपने मोटापा से परेशान है अलसी के सेवन से अनियमित वायाम कर अपना मोटापा आसानी से घटा सकते हैं।
Cucumber,Musk Melon, Pumpkin and Water Melon Seeds – चारों मगज दाना (Chaaro Magaj Dana)
Indian Gooseberry – सूखा आंवला (Sukha Aambla)
हड्डियों को मजबूत बनाएं, इंफेक्शन से बचाएं, वजन घटाने में असरदार, आंखों के लिए अत्यंत गुणकारी, तनाव कम करें इसके अलावा और भी ढेरों गुणों से भरपूर है आंवला। आंवला का इस्तेमाल आप अचार के रूप में या कच्चा चबा कर भी कर सकते हैं। इसमें विटामिन सी की अतिरिक्त मात्रा उपलब्ध होती है जो आपके शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है।
Garlic – लहसुन (Lehsun)
बात चाहे मर्दाना ताकत बढ़ाने का हो या फिर ह्रदय को मजबूती देना लहसुन का कोई तोड़ नहीं इसके अलावा सर्दी खांसी जुखाम को रोकने में यह काफी असरदार साबित होता है। इसमें उपयुक्त मात्रा में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल्स गुण पाए जाते हैं।
Mustard Seeds – राई/सरसों (Sarso)
कैंसर को रोकने में यह हमारे शरीर को काफी मदद करता है।अस्थमा के रोगियों के लिए भी सरसों अत्यंत लाभकारी है, रक्तचाप, वजन कम करना, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना, मधुमेह यानी शुगर के रोगियों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। जुखाम होने पर सरसों के तेल को गर्म करके छाती और माथे पर लगाने से काफी आराम मिलता है।
Dog Mustard/Wild Mustard – जख्या (Jakkya)
Nigella Seeds – कलौंजी (Kalonji)
बाल झड़ने की समस्या हर एक इंसान को है नींबू के रस को 15 से 20 मिनट अपने बालों पर लगाए रखें उसके बाद धो लें फिर कलौंजी के तेल को 15 मिनट के लिए अपने बालों में लगाए रखें और यह नियमित रूप से करने पर बाल झड़ने की समस्या से निजात मिलता है। इसके अलावा कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा मौजूद होती है जो हमें बीमारियों से लड़ने में शरीर की मदद करता है और खून को साफ करने में भी कलौंजी एक मुख्य भूमिका निभाता है।
Poppy Seeds – खसखस/पोस्ता (Khas Khas/Posta)
खसखस या पोस्ता आपने कहीं ना कहीं इसका नाम जरूर सुना होगा यह भी एक स्वादिष्ट मसाले के रूप में भारत में प्रसिद्ध थे खास करके पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में भोजन के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। थाइरोइड को नियंत्रण करने में काफी सहायता करता है इसके अलावा हड्डियों को मजबूत करना और शुगर को नियंत्रण में रखना भी इसके गुणों में शामिल है।
Salt – नमक (Namak)
Black Salt – काला नमक (Kala Namak)
अगर एसिडिटी की समस्या बनी रहती है तो काला नमक एसिडिटी को पूरी तरह खत्म कर देता है और यह पेट के लिए भी फेयर फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा उल्टी और कब्ज जैसी समस्याएं आसानी से किया जा सकता है।
Rock Salt – सौधा नमक (Soadha Namak)
Black Pepper – काली मिर्च (Kali Mirch)
भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ काली मिर्च हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार से फायदा पहुंचाता है क्योंकि कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है काली मिर्च! इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए, खांसी जुखाम बुखार से शरीर को बचाए, ब्लड शुगर लेवल को कम करें, सूजन को कम करने में मददगार है।
Red Chilli Powder – लाल मिर्च पाउडर (Lal Mirch Powder)
Red Chilli Flakes/Crushed Red Pepper – लाल मिर्च फ्लेक्स (Lal Mirch Flakes)
Kashmiri Lal Mirch Powder – कश्मीरी लाल मिर्च (Kashmiri Lal Mirch)
Schezwan Pepper/Teppal/Sichuan Pepper – शेजवान काली मिर्च (Sojban Kali Mirch)
White Pepper – सफेद मिर्च/दखनी मिर्च (Safed Mirch)
पेट की समस्या दूर करें, दिल को मजबूत करें, सर्दी खांसी से बचाए, जोड़ों के दर्द से छुटकारा दिलाए, वजन को नियंत्रण करें और भी ढेरों फायदे हैं सफेद मिर्च के इसे दखनी मिर्च भी कहा जाता है।
Fragrant Pepper – सुगंधित काली मिर्च (Sugandit Kali Mirch)
Paprika – लाल शिमला मिर्च (Lal Shimla Mirch)
इम्युनिटी बढ़ाने में कारगर, दर्द से आराम, कैंसर से बचाव में, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मददगार, एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है लाल शिमला मिर्च।
Cubeb Pepper – शीतल चीनी (Sheetal Chini)
थकान दूर करें, इन्फ्लूएंजा जैसे रोगों में अत्यंत लाभकारी, सांसों की बदबू को दूर करें, सिर दर्द से निजात दिलाएं, जुखाम कम करें, खांसी से राहत दिलाए, बाबासीर जैसे रोगियों के लिए यह अत्यंत लाभकारी है।
Long Pepper – पीपली (Pipli)
बच्चों के लिए यह अत्यंत लाभकारी है इससे बच्चों में होने वाली खांसी बुखार हिचकी आदि समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इस को पीसकर घी और शहद के साथ मिलाकर बच्चों को चटाई।
Rose Water – गुलाब जल (Gulab Jal)
त्वचा संबंधित समस्याओं में गुलाब जल को सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है यह त्वचा के PH लेवल को बैलेंस करें, एंटी एजिंग की तरह काम करता है, एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, स्किन की नमी बनाए रखें, आपको दिनभर फ्रेश रखेगा।
Saffron Strands – केसर/जाफरान (Kesar/Jaffran)
कैंसर, अनिद्रा, मानसिक संतुलन, पाचन को बढ़ाना, गर्भावस्था के दौरान, आंखों के लिए, गठिया, अस्थमा, दर्द सूजन, लीवर का स्वास्थ्य, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देना, बालों के लिए इन सभी में फायदेमंद है।
Baking Soda – बेकिंग सोडा (Baking Soda)
Baking Powder – बेकिंग पाउडर (Baking Powder)
बेकिंग पाउडर का इस्तेमाल केक बनाने में किया जाता है बिना बेकिंग पाउडर के एक उच्च मान का केक बनाना बिल्कुल नामुमकिन है। इससे केक में स्वाद और खुलापन आता है।
Yeast – खमीर (Khamir)
शरीर में ऊर्जा के स्तर को और रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है खमीर। इसमें विटामिन B, B 1, B 2, B 3, B 6, B 9 पाया जाता हैं इसके अलावा आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन, सोलियम, उच्च मात्रा में उपलब्ध होता है।
Celery Salt – अजमोद का नमक (Ajmod Namak)
Garlic Salt – लहसुन नमक (Lehsun Namak)
Ginger Powder – अदरक पाउडर (Adrak Powder)
गला खराब होने पर इसे एक चम्मच एक गिलास दूध के साथ ले आपके गले को काफी राहत पहुंचाएगा। पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाएं और जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाए अत्यंत गुणकारी है अदरक का पाउडर।
Screw Pine Essence – केवड़ा जल (Kewra Jal)
गले का रोग बुखार कमर दर्द खाज खुजली मिर्गी सिर दर्द जैसी समस्याओं ने केवड़ा जल अत्यंत लाभकारी साबित होता है। और यह दिल और दिमाग को ताकत देता है और खून को साफ करता है।
Star Anise – चक्र फूल (Chakra Fool)
कब्ज और अपच इन जैसे पेट की दिक्कतों से आराम पाने के लिए चक्र फूल का चूर्ण बना लें और गर्म पानी के साथ इसे ले इससे इन समस्याओं से आराम मिलेगा। साथ ही इसमें एंटीवायरल गुण भी मौजूद होते हैं जो किसी भी व्यक्ति को संक्रामक बीमारियों से बचाए रखने में मदद करता है।
Tamarind – इमली (imli)
इमली यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक दवा के रूप में जाना जाता है।इसका ज्यादातर इस्तेमाल पेट से जुड़ी समस्याओं में किया जाता है जैसे कि अपचन, कब्ज, क्रीमी, पेट दर्द से जुड़ी समस्याओं में बचाव के लिए किया जा सकता है।
Tea Leaf – चाय पत्ती (Chai Patta)
चाय पीने के साथ-साथ आपने जरूर महसूस क्या होगा एक अलग ही ताजगी। इसके अलावा भी चाय के पत्तों में कई गुणकारी लाभ मौजूद होते हैं जैसे की आंखों के नीचे से डार्क सर्कल का कम करना, रूखे बालों में नमी लाना, आपके मुंह से बदबू दूर करना साथी पेड़ पौधे के नीचे चाय की पत्ती डालने पर वह एक खाद की तरह काम करता है।
Turmeric Powder – हल्दी पाउडर (Haldi Powder)
हल्दी का सेवन हम रोजाना किसी न किसी रूप में जरूर करते हैं और इसके अतिरिक्त लाभकारी और भी गुण है जैसे कि चोट लगने के जगह पर अगर सरसों तेल के साथ हल्दी को मिलाकर लगा दिया जाए तो दर्द में काफी राहत मिलता है साथ ही यह शरीर का रोग प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ाता है।
White Sesame Seeds – सफेद तिल (Safed Teel)
Capers – कचरा/कबर (Cabar)
Garcinia Indica – कोकम (CoCum)
Gun Tragacanthin – कतीरा गोंद (Karota Gond)
Dry Myrobalan – हरड़ (Harad)
Liquorice/Licorice – मुलेठी/जोठिमध (Mulethi)
Dry Mint – सूखा पुदीना (Pudina)
Sago – साबूदाना (SabuDana)
Swertia Chirata – चिरायता/किरात/चिरोट्ठा (Kirat)
Niger – राम तिल (Ram Teel)
Indian Madder – माजिठ (Majhit)
Gall Nut – माजूफल (MajuFal)
Dyer’s Alkanet – रतनजोत/लालजरी/दामिनी (Damini)
Food Color – खाने वाला रंग (Khane Wala Rang)
Frankincense – लोहबान/लासा (Lasa)
Juniper Berries – हापुपा जामुन (Hapupa Jamun)
Onion Power – प्याज का चूर्ण (Payaj Ka Churan)
Garlic Power – लहसुन का चूर्ण (Lehsun Ka Churan)
Masala Name in Hindi –